Sangya Kise Kahate Hain | संज्ञा किसे कहते है ? परिभाषा, भेद (प्रकार)

साधारण भाषा मे शब्दो के 'नाम' को ही संज्ञा कहते है 

जैसे:- राधा ने दिल्ली मे लाल किले की सुंदरता देखी।
 इस वाक्य मे देख ने पर 'राधा' एक व्यक् नाम है ,

दिल्ली एक स्थान का नाम है लाल किला वस्तु का नाम है । तथा 'सुंदरता' एक गुण है इस वाक्य मे चारो क्रमश व्यक्ति, स्थान, वस्तु, और भाव के नाम है अतः यहां पर 
चारो संज्ञा का प्रयोग हुआ है।

संज्ञा किसे कहते है ? परिभाषा


संज्ञा की परिभाषा :- किसी व्यक्ति, (प्राणी) वस्तु, स्थान,तथा भाव, के नाम का बोध करने वाले शब्दों को संज्ञा कहते है।


  जैसे:- 

  व्यक्ति:- राम,घनश्याम,मोहन,सीता,हाथी, कुत्ता,बच्चा
  स्थान:- दिल्ली,जयपुर,आगरा,जर्मनी,भारत,रांची,पटना
  वस्तु:- कुर्सी मेज, किताब, पंखा,पैन, कम्प्यूटर, माउस
  भाव:-सुंदरता,बुढ़ापा,मिठास, बुराई,वीरता, हरियाल 
                  

संज्ञा के भेद (प्रकार) 


Image Credit :- aplustopper.com

संज्ञा के मुख्य रूप से तीन भेद होते है।


नोट:- संज्ञा के वर्तमान काल मे पांच भेद माने जाते है।
         क्योकि अंग्रजी मे संज्ञा के पांच भेद माने जाते 
         है। इस लिये हिंदी मे भी पांच भेद माने जाते है।
         परन्तु निम्न अनुसार प्रश्न किया जाये ।

(1) संज्ञा के कुल कितने भेद होते है।
       संज्ञा के कुल पांच भेद होते है जो 
निम्नलिखित है 

        (1) व्यक्तिवाचक संज्ञा  (proper noun)
        (2) जातिवाचक संज्ञा. (common noun)
        (3) भाववाचक  संज्ञा. (abstract noun)
        (4)  समूहवाचक संज्ञा (collective noun)
        (5)द्रव्यवाचक संज्ञा.   (material noun)
     
(2) संज्ञा के मुख्य रूप से कितने भेद होते है।
संज्ञा के मुख्य रूप से  तीन भेद होते है जो 
निम्नलिखित है 

     (1) जातिवाचक संज्ञा. ( common noun)
     (2) व्यक्तिवाचक संज्ञा.(proper noun)
     (3) भाववाचक संज्ञा. (abstract noun)

(1) जातिवाचक संज्ञा


   परिभाषा  :- 

जिस संज्ञा शब्द से किसी जाति (वर्ग) बोध हो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते है। इसमें केवल एक व्यक्ति वस्तु स्थान का बोध न हो कर उसकी सम्पूर्ण जति बोध होता है।

      जैसे:- गाय , आदमी, मनुष्य ,पुस्तक, नदी, पशू फल-
                फूल , नगर ,गांव आदि ।

जातिवाचक संज्ञा के वाक्य मे उदारहण

(अ) गाय हमारी माता है।     
 
गाय शब्द कोई एक नस्ल का बोध न कराकर सभी नस्ल यानी जाती का बोध करा रहा है।

(ब) मनुष्य ब्रामण्ड का अदभुद प्राणी है। 

    मनुष्य शब्द केवल एक व्यक्ति बोध न करा कर सभी
    मनुष्य जाति बोध करा रहा है।

(स) राम पुस्तक पढ़ता है।

     पुस्तक शब्द मे एक विशेष पुस्तक का बोध नही हो रहा है। जबकि सम्पूर्ण जाति का बोध हो रहा है।

(द) भारत मे नदियों के पानी को अमृत माना जाता है।

     नदियों से एक नदी बोध न हो कर सभी नदियों का
      बोध हो रहा है।

 
(2)व्यक्तिवाचक संज्ञा


परिभाषा :- जिस संज्ञा शब्द से एक ही व्यक्ति (प्रणी) वस्तु या स्थान बोध हो उसे व्यक्तिवाचक 
 संज्ञा कहते है। 

 जैसे:- राम , सुरेश , जयपुर, दिल्ली ,पंखा कंप्यूटर पैन
           खिड़की आदि।

  (अ) राम पढ़ता है।       राम एक व्यक्ति का नाम है।
  (ब) सुरेश खेल रहा है।   सुरेश एक व्यक्ति का नाम है।
  (स)राजस्थान की राजधानी जयपुर है।  स्थान का नाम 
  (द) दिल्ली मे संसद भवन है। यह स्थान का नाम है।
  (य) पंखा तेज गति से चलता है। यह एक वस्तु है ।
  (र) यहां पर कम्प्यूटर कक्ष है। यह एक वस्तु का नाम है
    

(3)भाववाचक संज्ञा


परिभाषा :- जिस संज्ञा से गुण, दशा, क्रिया, धर्म, भाव     आदि का बोध होता है उसे भाववाचक संज्ञा कहते है।

जैसे:- (अ) विजय का व्यक्तित्व बहुत अच्छा है।
             व्यक्तित्व शब्द  विजय का गुण का बोद कर 
             रहा है।

         (ब) बुढ़ापा बहुत कष्ट दायक होता है।
            बुढ़ापा शब्द दशा का बोद  कर रहा है। 
             कष्ट शब्द भाव का बोद कर रहा है।

        (स) आज मौसम बहुत सुहाना है।
               सुहाना शब्द भाव बोद कर रहा है।

भाववाचक संज्ञा का निर्माण पांच प्रकार के शब्दों होता है

 (अ) जातिवाचक संज्ञा से
 (ब)सर्वनाम से
 (स) विशेषन से
 (द) क्रिया से
 (य) अव्यय से

(अ) जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा मे बदलना

(ब) सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा मे बदलना

(स) विशेषन से  भाववाचक संज्ञा मे बदलना

       

(द) क्रिया से  भाववाचक संज्ञा मे बदलना

(य) अव्यय से भाववाचक संज्ञा मे बदलना 

[4] समहुवाचक संज्ञा


  परिभाषा संज्ञा से किसी व्यक्ति,वस्तु के झुंड अथवा समूह का बोध होता है उसे समूहवाचक संज्ञा कहते है
 
समूहवाचक संज्ञा के उदाहरण

[अ] मैले मे बहुत बीड़ थी।
[ब] हमारे देश की सेना बहुत बलशाली है।
[स] संघटन मैं शक्ति होती है।
[द] पक्षी झुंड मे रहते है।

मेला,सेना,संघठन ,झुंड आदि समूह वाचक संज्ञा के उदाहरण है 

(5)द्रव्यवाचक संज्ञा


   परिभाषा:- जिस संज्ञा से किसी द्रव्य पदाथो के नाम का बोद होता है। उसे द्रव्यवाचक संज्ञा खटाई है।
द्रव्यवाचक संज्ञा उदाहरण 

  • तेल से मोटापा बढ़ता है।
  • चाय मे चीनी कम है।
  • दूध बहुत है।
  • ताँबा से तार का निर्माण होता है। 
  • ताँबा लोहा सोना कठोर दातु है। 

पर यह तरल पदार्थ से बनता है। इस लिये द्रव्यवाचक संज्ञा है।

(ख) उत्पति के आधार पर संज्ञा के प्रकार


       उत्पति के आधार पर संज्ञा के तीन प्रकार होते है जो निम्नलिखित है :-

  1. रूढ़ संज्ञा 
  2. यौगिक संज्ञा
  3. योगरूढ़ि संज्ञा

(1) रूढ़ संज्ञा


 वे संज्ञा शब्द जिनका खण्डन तो होता है।पर अर्थ का
 बोध नही करते है। उसे रूढ़ संज्ञा कहते है।

 जैसे :- जल 

जल शब्द का खण्डन करने पर ज और ल 
 अलग करे तो उसका कोई अर्थ नही रहता है।

अन्य उदाहरण घर,पथ,जल,अब,कब,रथ,नल आदि।

(2) यौगिकसंज्ञा  


    परिभाषा :-एक से अधिक सार्थक शब्दो के जोड़ने पर बने  संज्ञा शब्द को यौगिक संज्ञा कहते है।

     जैसे:- धर्मशाला ।

             धर्मशाला को हम अलग करते है। तो धर्म व
            शाला यहां दोनो के अलग-अलग अर्थ है। 
              अब दोनों का योग(जोड़)करने पर धर्मशाला
              एक अलग अर्थ देने वाले शब्द का निर्माण 
      होता है। इसे यौगिक संज्ञा कहते है।

अन्य  उदाहरण:विद्यालय,गौशाला, हिमालय,पुस्तकालय आदि ।

(3) योगरूढ़


   परिभाषा:- योगरूढ़ उस संज्ञा को कहते है। जो अपने मूल अर्थ को छोड़ कर कोई विशेष अर्थ को दर्शाता है।
 
जैसे:-

   जलज शब्द खण्ड किया जाए तो जल और ज
    यहां पर जल अर्थ  पानी है। ज अर्थ जन्म से है।
       यनि पानी मे जन्मा पर पानी मे तो बहुत जीव जंतु
      जन्म लेते है। लेकिन यहाँ जलज का अर्थ कमल
        होता है ।

संज्ञा को कैसे पहचाना जाता है ?


कुछ संज्ञा सजीव होती है । उसे प्राणीवाचक संज्ञा कहते है। तथा कुछ निर्जीव होती है। अप्राणीवाचक संज्ञा कहलाती है। कुछ गणनीय होती है तो कुछ अगणनीय होतो है।

प्राणीवाचक संज्ञा उदाहरण
  • व्यक्ति
  • राम
  • शेर 
  • हाथी
  • मेढ़क
  • पेड पौधे

उपरोक्त सभी मे जीव(प्राण) होने के
कारण इनको प्राणीवाचक संज्ञा मे गिना जाता है।

अप्राणीवाचक संज्ञा के उदाहरण
  •  पैन
  •  कुर्सी
  •  बस
  •  रेलगाड़ी
  •  पंखा
  •  पुस्तक
  •  पत्थर आदि। 

उपरोक्त शब्द निर्जीव वस्तु बोद कर रहे है।
 इस लिये अप्रनिवाचक संज्ञा है।

गणनीय संज्ञा 


परिभाषा:- जिन शब्दों मे किसी वस्तु, पदार्थ, की गणना
जा सकती है। उसकी सख्या का ज्ञान करने वाले शब्दों को गणनीय संज्ञा कहते है।
जैसे:- 
  •          किले
  •          स्तम्भ
  •          कमरे
  •          डिब्बे
  •          तिलिया आदि गणनीय है।

अगणनीय संज्ञा


परिभाषा:-जिन की गणना यानि गिनती नही की जा सकती उसे अगणनीय संज्ञा कहते है।

जैसे:-
  •          पानी
  •          हवा
  •          दूध
  •          प्रेम
  •          बाल
  •          तारे 

आदि शब्द अगणनीय है।

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